सियार सिंघी
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सियार सिंगी बहुत ही चमत्कारी वस्तु होती है , इसे घर में रखने से सकारात्मक उर्जा का अनुभव होता है ! सियार सिंगी बालो के एक गुच्छे कि तरह होती है ! असल में सियार के सींग नहीं होते परन्तु कुछ सियारों के नाक के ऊपर बालो का एक गुच्छा बन जाता है , धीरे धीरे वह कड़ा और बड़ा हो जाता है और सींग जैसा बन जाता है इसे सियार सिगी कहते है और यह हजारों में से किसी एक के नाक पर होता है ! इसमें वशीकरण की अद्भुत शक्ति होती है , यदि इसे सिद्ध कर लिया जाए तो यह शक्ति हजारों गुना बढ़ जाती है ! इसके द्वारा आप किसी से भी अपना मनोवांछित काम करवा सकते है ! इसे सिद्ध करने की अनेकों विधियाँ है - पर यदि इसे होली या दीपावली के दिन निम्न विधि से सिद्ध किया जाए तो इसका चमत्कार बड़ी जल्दी नज़र आता है !
आपके सबके लिए एक आसान और प्रमाणिक विधि जो बहुत प्रयासों के बाद मिल सकी है उसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगों के लिए उपयोगी होगी और माता महाकाली कि कृपा से आप लोग इसका लाभ ले पाएंगे ! यह विधि दीपावली से दस दिन पहले शुरू की जाती है मतलब दसवां दिन दीपावली होना चाहिये !
|| मन्त्र ||
ॐ चामुण्डाये नमः
|| विधि ||
- दीपावली से दस दिन पहले एक सियार सिंगी का एक जोड़ा लें
- उसे लाल कपडे पर स्थापित करे
- लाल आसन बिछा कर लाल वस्त्र धारण कर बैठ जाएँ
- सरसों के तेल का दीपक जलाएँ
- सियार सिंगी पर गंगा जल छिड़कें
- चावल चढ़ाएँ
- पांच लौंग साबुत और पांच चोटी इलायची चढ़ाये
उपरोक्त मंत्र २१०० बार जप करे ! जप समाप्ति के बाद अग्नि में २१ आहुति गुग्गल की दे ! ऐसा रोज दीपावली तक करे।
दीपावली वाली रात पूजा के बाद इस नीचे लिखे मन्त्र का सियार सिंगी के सामने ११०० बार जाप करे।
दीपावली वाली रात पूजा के बाद इस नीचे लिखे मन्त्र का सियार सिंगी के सामने ११०० बार जाप करे।
|| मंत्र ||
रंगली पीढ़ी रंगले पावे
जित्थे पुकारा ओथे आवे
नाले अंग नाल अंग मिलावे
नाले घर दा घर खिलावे ।।
जित्थे पुकारा ओथे आवे
नाले अंग नाल अंग मिलावे
नाले घर दा घर खिलावे ।।
इस मन्त्र को जपने के बाद सियार सिंगी को किसी चांदी या ताम्बे की डिब्बी में मीठा सिन्दूर डाल कर उसमें पांच लौंग पांच इलायची और एक कपूर का छोटा सा टुकड़ा डाल कर रख ले !
|| प्रयोग विधि ||
जब किसी पर प्रयोग करना हो तो इस डिब्बी को खोल कर सियार सिंगी के सामने दोनों मन्त्रों का एक एक माला जाप करे और उस व्यक्ति का नाम बोल कर चामुंडा मां से उसे अपने अनुकूल करने की प्रार्थना करे और डब्बी को अपनी जेब में रखकर चले जाएँ - आपका कार्य सिद्ध हो जायेगा।
माता महाकाली शरणम्
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